राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) ने भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए बड़ा कदम उठाया है। आयोग ने उन अभ्यर्थियों को अंतिम चेतावनी दी है, जो विभिन्न भर्तियों में अपात्र होने के बावजूद आवेदन कर चुके हैं। यदि ऐसे अभ्यर्थी 9 जून 2025 तक अपना आवेदन वापस नहीं लेते हैं, तो उन्हें डिबार कर दिया जाएगा। आयोग ने स्पष्ट किया है कि ऐसे डिबार अभ्यर्थियों की जानकारी अन्य भर्ती एजेंसियों से भी साझा की जाएगी।
इन भर्तियों से वापस लिए जा सकते हैं आवेदन
RPSC द्वारा जिन भर्तियों से आवेदन वापस लिए जा सकते हैं, उनमें सार्वजनिक निर्माण विभाग की सहायक परीक्षण अधिकारी, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की सहायक निदेशक, भू-जल विभाग की कनिष्ठ रसायनज्ञ, कौशल नियोजन एवं उद्यमिता विभाग की उपाचार्य/अधीक्षक आईटीआई, कारागार विभाग की उप कारापाल, मत्स्य विभाग की सहायक मत्स्य विकास अधिकारी, मूल्यांकन विभाग की अनुसंधान सहायक और चिकित्सा शिक्षा विभाग के बॉयोकेमिस्ट जैसे पद शामिल हैं।


योग्यता नहीं होने पर तुरंत लें निर्णय
आयोग ने बार-बार यह बताया है कि कई अभ्यर्थी बिना योग्यता पूरी किए आवेदन कर देते हैं, जिससे चयन प्रक्रिया पर असर पड़ता है। ऐसे अभ्यर्थी समय रहते आवेदन वापस लें। यदि ऐसा नहीं किया गया तो आयोग की ओर से भविष्य की भर्तियों से वंचित किया जाना तय है।
ऑनलाइन माध्यम से करना होगा आवेदन वापसी
आवेदन वापसी की प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन होगी। अभ्यर्थियों को RPSC की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपने लॉगिन पैनल में आवेदन वापसी का विकल्प मिलेगा। वहां से संबंधित भर्ती का चयन कर आवेदन को रद्द किया जा सकता है। यह सुविधा केवल 9 जून 2025 तक ही उपलब्ध रहेगी।
डिबार होने पर भविष्य की भर्तियों पर पड़ेगा असर
यदि किसी अभ्यर्थी को डिबार किया जाता है तो न केवल वह RPSC की आने वाली सभी भर्तियों से वंचित रहेगा, बल्कि आयोग उसकी जानकारी अन्य सरकारी भर्ती एजेंसियों को भी भेजेगा। इससे अभ्यर्थी का संपूर्ण करियर प्रभावित हो सकता है। योग्य और ईमानदार अभ्यर्थियों को न्याय दिलाने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। कृपयाआधिकारिक वेबसाइट से ही नवीनतम और सटीक जानकारी प्राप्त करें।